हताश धान खरीदी के ऑपरेटर, सहकारिता, /खाद्य विभाग ,समिति और बैंक के मझधार में गोते खा रहे, क्या सरकार पार लगायेंगे




हैरत की बात है...की ये सहकारिता के काम मे लगे किंतु किसके कर्मचारी है...यह पता नहीं है....??
संविदा है या दैनिक वेतनभोगी..??


  • समिति के निरंकुश व्यवस्था में ऑपरेटर शासन का कार्य करते है.....!!!
  • मगर यह नहीं जानते कि वह शासन का किस विभाग का काम करता है...??
  • ऑपरेटरो से काम खाद्य विभाग लेता है और वह भी मात्र धान खरीदी......!!!!
  • बाकी सभी काम  बैंक और जिला पंजीयक लेता है...........!!!!
  • नियोक्ता भी यही दोनो है..!!!!
  • और  यही दोनो के अधीन समितियाँ है....!!!!
  • कहने को संचालक मंडल को पूरा अधिकार दिया गया है....!!!!

मगर क्या आप जानते है....????

समिति संचालक मंडल को ज्यादातर अधिकार दिया गया है..
और सबसे शक्तिशाली 100% और एकमात्र अंतिम दण्ड देने का अधिकार पंजीयक अपने पास रखा है...?

1.ऑपरेटर का ज्यादातर समिति रिकार्ड में ना उल्लेख होता और न तो समिति मे कार्यरत अन्य कर्मचारियों को मिलने वाले बोनस य अन्य तरह की सुविधाएँ होती है ! ..इससे ये तो सिद्ध होता है की समिति ऑपरेटर को समिति कर्मचारी नहीं मानता !!

2.बैंक और पंजीयक...बड़े तसल्ली से कहते है...समिति में फलाँ कर्मचारी अंशकालिक है और फलाँ कर्मचारी पूर्णकालिक है....ऑपरेटर बैंक के हर आदेश का पालन करता है..किंतु बैंक वाले नियम य सुविधाओ भी ऑपरेटर पर लागु नहीं होता  

3.ऑपरेटर नहीं जनता की वह संविदा है या दैनिक वेतनभोगी या नियमित या जाँब दर वाला कर्मचारी है...और इसी पेंच की वजह से  भविष्य निधि नहीं हो पा रहा है...?. 

4.शासन के रिकार्ड के हिसाब से नियमित/संविदा/दैनिकवेतन भोगी/जाँब दर.....नामक कर्मचारी छ ग तो क्या पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है किंतु अंशकालीन और पूर्णकालीन...नामक कर्मचारी मात्र छ ग के पंजीयक द्वारा अनुमोदित सहकारी समितियों में पाया जाता है.....😜😜

5.नियमित / अनियमित को भी छोड़ दे तो ....ऑपरेटर चाहे वह अकुशल/अर्द्धकुशल/कुशल/...ही क्यों ना हो......समिति मे सहकारिता /खाद्य विभाग /बैंक  के कार्य कर रहा ऑपरेटर की गिनती किस वर्ग मे आता है  ये भी सवाल है ......


उपरोक्त सवालो के जवाब मे किये हड़ताल और मांग आश्वासन के मझदार मे गोते खा रहे ...????

पूर्व रमन सरकार में ऑपरेटर विगत दिनो नियमितीकरण की एकसूत्रीय मांग को लेकर प्रदेशस्तर पर बूढ़ातालाब रायपुर के धरनास्थल पर 3 अक्टूबर 2016 को एकदिवसीय आंदोलन एवं 11 नवम्बर 2016 से 16 नवम्बर 2016 तक अनिश्चितकालीन आंदोलन किया गया...जिसे श्रीमधुसूदन यादव महापौर राजनांदगाँव की मध्यस्थता मे माननीय मुख्यमंत्री रमनसिंह जी के आश्वासन पर स्थगित किया गया.....

16 नवम्बर 2016 को विधानसभा भवन मे श्रीमधुसूदन यादव जी की मध्यस्थता मे मुख्यमंत्री के समक्ष संघ के प्रतिनिधियो द्वारा तीन मुद्दो पर सहमति बनाकर शासन द्वारा आदेश जारी करने का आश्वासन मिला......ये तीन मुद्दे है...

  • ऑपरेटरो का विभाग तय करना...
  • वेतन प्रतिमाह पूरे सालभर नियमित रूप से मिले...
  • वर्तमान मे संविदा वेतन 13776

किन्तु ये केवल सहमति तक और विचारों और चुनाव के उलझनों में उलझ कर रह गई!!!!!





भूपेश सरकार से उम्मीद!!!!   क्या इस बार सरकार ऑपरेटर की नौका  पार लगवा पाएंगे .?????


कर्मचारियों के हित व नियमितीकरण के मुद्दों पर सरकार बनाने वाली काँग्रेस की सरकार से उम्मीदों के दम पर नौका पार करने की चाह भी अब दम तोड़ते नजर आ रही है क्योंकि समस्त विभागों के अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है ,लेकिन धान खरीदी के इन हताश ऑपरेटरों की सुध किसी विभागों ने नही लिया है।




उपरोक्त वाक्यांश एक अपने को ठगा सा महसूस करने वाला ऑपरेटर के द्वारा लिखा गया है 

3 टिप्पणियाँ

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