छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के सपूत ,गुरु घासीदास बाबाजी के सन्देश को जन जन तक पहुंचाने के लिए कार्य किये.....गुरु घासीदास बाबाजी के सच्चे अनुयायी.....पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे का आज निधन हो गया है।
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के शासनकाल में वन मंत्री थे डीपी धृतलहरे। 28 जून 1949 को जन्मे डेरहू प्रसाद धृतलहरे नवागढ़ के रहने वाले थे। रविवार को रायपुर के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हुआ है। अनुसूचित जाति सीट मारो से विधायक चुने गए थे। आदरणीय डेरहू प्रसाद धृतलहरे साधारण से गांव को चक्रवाय धाम बनाने में योगदान अविस्मरनीय है ! डी.पी. धृतलहरे अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहें है। वे चार बार मारो (नवागढ) विधानसभा से विधायक रहे।
ज़ब भी सतनामी राजनेताओं का नाम लिया जायेगा उसमे गुरु अगमदास, गुरु माता मिनीमाता उसके बाद D.P. घृतलहरे जी का नाम आएगा....
डेरहू प्रसाद धृतलहरे सतनामी समाज के ऐसे नेता थे जिन्होंने मध्यप्रदेश के दौरान निर्दलीय विधान सभा चुनाव लड़कर जीता था | डेरहु प्रसाद धृतलहरे के निधन से सतनामी समाज में शोक ब्याप्त है |
रायपुर के निजी एम एम आई अस्पताल पहुँचकर मंत्री शिव डहरिया ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ़ से स्व. डेरहू प्रसाद धृतलहरे जी को श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मंत्री श्री डी.पी.धृतलहरे के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री डी.पी.धृतलहरे के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
सीएम भूपेश ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि, कहा-
मेरे साथ अविभाजित मप्र में विधायक और फिर छत्तीसगढ़ में मंत्री रहे वरिष्ठ नेता डेरहू प्रसाद धृतलहरे जी का जाना बहुत दुखद है। वे सतनामी समाज के बड़े नेता थे। उनके जाने से छत्तीसगढ़ की अपूरणीय क्षति हुई है। विनम्र श्रद्धांजलि।
मेरे साथ अविभाजित मप्र में विधायक और फिर छत्तीसगढ़ में मंत्री रहे वरिष्ठ नेता डेरहू प्रसाद धृतलहरे जी का जाना बहुत दुखद है।
वे सतनामी समाज के बड़े नेता थे। उनके जाने से छत्तीसगढ़ की अपूरणीय क्षति हुई है।
विनम्र श्रद्धांजलि।
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मप्र एवं छग शासन में मंत्री रहे वरिष्ठ नेता श्री डी. पी. धृतलहरे जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है।वे सतनामी समाज के वरिष्ठ नेता थे उन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया।उनके अंतिम दर्शन हेतु चिकित्सालय जाकर उन्हें अपनी पीसीसी एवं राज्य शासन की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
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